डायबिटीज जिसे मधुमेह भी कहा जाता है एक गंभीर बीमारी है जिसे धीमी मौत (साइलेंट किलर ) भी कहा जाता हैl
संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में l इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग नहीं कर पाती l यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है l
डायबिटीज के कारण (Causes of Diabetes )-
खान पान एवं लाइफ स्टाइल की गलत आदतें जैसे मधुर एवं भारी भोजन का अधिक सेवन करना,चाय, दूध आदि में चीनी का ज्यादा सेवन,कोल्ड ड्रिंक्स एवं अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स अधिक पीना,शारीरिक परिश्रम ना करना,मोटापा,तनाव,धूम्रपान,तम्बाकू,आनुवंशिकता आदि डायबिटीज के प्रमुख कारण हैं l
डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms)-
बार बार पेशाब लगना,प्यास ज्यादा लगना, भूख ज्यादा लगना,बिना काम करे भी थकान होना,शरीर में कहीं घाव होने पर जल्दी ठीक ना होना तथा त्वचा का बार बार इन्फेक्शन होना l ये सब डायबिटीज के लक्षण हैंl
यदि इनमे से कुछ लक्षण यदि लगातार दिखाई दें तो खून में शुगर की जाँच अवश्य करवानी चाहिए यह जाँच बहुत सामान्य और सस्ती होती है जो छोटी छोटी लैब्स में आसानी से हो जाती हैं इसके लिए शुगर का शक होने पर दिन में किसी भी समय (ब्लड शुगर- रैंडम) जाँच करवाई जा सकती है या बार -बार जरुरत पड़े तो जाँच करने की मशीन घर पर लायी जा सकती है जो ज्यादा महँगी नहीं होती l
डायबिटीज रोग के उपद्रव (Complications of Diabetes) –
यदि मधुमेह रोग का समय पर पता ना चले या पता चलने पर भी खान पान तथा जीवन शैली में लगातार लापरवाही की जाये और समुचित चिकित्सा ना की जाये तो खून में सामान्य से अधिक बढ़ा हुआ शुगर का लेवल शरीर के अनेक अंगों जैसे गुर्दे (Kidney),ह्रदय (Heart),धमनियां (Arteries) आँखें (Eyes) त्वचा (Skin) तथा नाड़ी तंत्र (Nervous System) को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है और जब तक रोगी संभलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है l
डायबिटीज की चिकित्सा-
1. ख़ान पान में सुधार करें-चीनी (sugar) एवं अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करें,चोकर युक्त आटा,हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल खाएं,एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन को छोटे छोटे अंतराल में लें,घी तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें जैसे- समोसे, कचौड़ी ,पूड़ी ,परांठे आदि का सेवन कम से कम करें,गेहूँ,जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी रोटी शुगर की बीमारी में बहुत फायदेमंद होती है l
3. तनाव (Tension,Anxiety Stress) से बचें –
मधुमेह रोग में तनाव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है तनाव से बचने की पूरी कोशिश करें l स्ट्रेस या तनाव के कारणों को आपसी बात चीत से हल करें, योगा, प्राणायाम,ध्यान तथा सुबह शाम घूमने से स्ट्रेस कंट्रोल करने में सहायता मिलती है l
4. घरेलु उपाय ( Home Remedies for Diabetes)–
आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह रोग में बहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज में बहुत लम्बे समय से किया जा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है l
उपरोक्त उपाय जरुरत के अनुसार उपयोग करने चाहियें ,खून में शुगर का लेवल कम ना हो जाये इसलिए समय समय पर शुगर चैक करते रहना चाहिए l
संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में l इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग नहीं कर पाती l यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है l
डायबिटीज के कारण (Causes of Diabetes )-
खान पान एवं लाइफ स्टाइल की गलत आदतें जैसे मधुर एवं भारी भोजन का अधिक सेवन करना,चाय, दूध आदि में चीनी का ज्यादा सेवन,कोल्ड ड्रिंक्स एवं अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स अधिक पीना,शारीरिक परिश्रम ना करना,मोटापा,तनाव,धूम्रपान,तम्बाकू,आनुवंशिकता आदि डायबिटीज के प्रमुख कारण हैं l
डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms)-
बार बार पेशाब लगना,प्यास ज्यादा लगना, भूख ज्यादा लगना,बिना काम करे भी थकान होना,शरीर में कहीं घाव होने पर जल्दी ठीक ना होना तथा त्वचा का बार बार इन्फेक्शन होना l ये सब डायबिटीज के लक्षण हैंl
यदि इनमे से कुछ लक्षण यदि लगातार दिखाई दें तो खून में शुगर की जाँच अवश्य करवानी चाहिए यह जाँच बहुत सामान्य और सस्ती होती है जो छोटी छोटी लैब्स में आसानी से हो जाती हैं इसके लिए शुगर का शक होने पर दिन में किसी भी समय (ब्लड शुगर- रैंडम) जाँच करवाई जा सकती है या बार -बार जरुरत पड़े तो जाँच करने की मशीन घर पर लायी जा सकती है जो ज्यादा महँगी नहीं होती l
डायबिटीज रोग के उपद्रव (Complications of Diabetes) –
यदि मधुमेह रोग का समय पर पता ना चले या पता चलने पर भी खान पान तथा जीवन शैली में लगातार लापरवाही की जाये और समुचित चिकित्सा ना की जाये तो खून में सामान्य से अधिक बढ़ा हुआ शुगर का लेवल शरीर के अनेक अंगों जैसे गुर्दे (Kidney),ह्रदय (Heart),धमनियां (Arteries) आँखें (Eyes) त्वचा (Skin) तथा नाड़ी तंत्र (Nervous System) को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है और जब तक रोगी संभलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है l
डायबिटीज की चिकित्सा-
1. ख़ान पान में सुधार करें-चीनी (sugar) एवं अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करें,चोकर युक्त आटा,हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल खाएं,एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन को छोटे छोटे अंतराल में लें,घी तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें जैसे- समोसे, कचौड़ी ,पूड़ी ,परांठे आदि का सेवन कम से कम करें,गेहूँ,जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी रोटी शुगर की बीमारी में बहुत फायदेमंद होती है l
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहे –
3. तनाव (Tension,Anxiety Stress) से बचें –
मधुमेह रोग में तनाव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है तनाव से बचने की पूरी कोशिश करें l स्ट्रेस या तनाव के कारणों को आपसी बात चीत से हल करें, योगा, प्राणायाम,ध्यान तथा सुबह शाम घूमने से स्ट्रेस कंट्रोल करने में सहायता मिलती है l
4. घरेलु उपाय ( Home Remedies for Diabetes)–
आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह रोग में बहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज में बहुत लम्बे समय से किया जा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है l
- दाना मेथी –
- करेला –
- जामुन –
- विजयसार –
- मधुमेह नाशक पाउडर –
उपरोक्त उपाय जरुरत के अनुसार उपयोग करने चाहियें ,खून में शुगर का लेवल कम ना हो जाये इसलिए समय समय पर शुगर चैक करते रहना चाहिए l
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